16 JULY – गुरु पूर्णिमा पर इस बार चन्द्रग्रहण का साया, जानिए- क्या होगा इसका प्रभाव I

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा यानी 16 जुलाई दिन मंगलवार को चन्द्र ग्रहण लगने वाला है, जो भारत में दृश्य होगा। ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे व्यक्ति का जीवन भी प्रभावित होता है। ऐसे समय में व्यक्ति को ईश्वर का स्मरण करना होता है, चंद्र दर्शन की मनाही होती है, खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है।

आषाढ़ पूर्णिमा पर 16 जुलाई को एक ओर देश गुरु पूर्णिमा मनाएगा तो देर रात चंद्रमा ग्रहण से जूझता नजर आएगा। इससे सूतक के कारण शाम के बाद गुरु पूजा के विधान प्रभावित होंगे। सावन के पहले दिन लग रहे ग्रहण के कारण खास कर शिव भक्तों के लिए बाबा के दर्शन का इंतजार बढ़ जाएगा।

16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा, मध्य तीन बजे व मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। संपूर्ण भारत में दृश्यमान खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगा। यह धनु राशि व उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा। भारत में चंद्रास्त 17 की भोर 5.25 बजे होगा।

नौ घंटे पहले लगेगा सूतक

ज्योतिष के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले लग जाता है। वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को दोपहर 1:31 बजे से शुरू हो जाएगा, जबकि इसकी समाप्ति 17 जुलाई की सुबह 4:31 मिनट पर होगी। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद होने के साथ ही सिर्फ भगवान की भक्ति ही की जाएगी।

प्राकृतिक आपदा के संकेत

ज्योतिषियों के अनुसार खग्रास चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन है। इस दिन मंगलवार है और उत्तर आषाढ़ नक्षत्र है। इस ग्रहण के चलते राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदा और भारतीय राजनीति में उतार-चढ़ाव की संभावना है। जिस तरह चंद्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वारभाटा आता है, उसी प्रकार चंद्रग्रहण की वजह से मानव समुदाय प्रभावित होता है। भूडोल के भी संकेत है प्रतिपदा तक.

यहां दिखाई देगा ग्रहण

यह ग्रहण भारत और अन्य एशियाई देशों के साथ-साथ दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा।

ग्रहण काल में क्या न करें

1. ग्रहण के समय तेल लगाना, भोजन करना, जल पीना, सोना, केश बनाना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित हैं।

2. ग्रहण के दौरान सोने से व्यक्ति रोगी होता है। मल त्यागने से पेट में कृमि रोग, मालिश या उबटन लगाने से कुष्ठ रोग और स्त्री प्रसंग से अगले जन्म में सूअर की योनि मिलती है।

3. सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक नरक में वास करता है।

4. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए (1 प्रहर = 3 घंटे)। बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व खा सकते हैं।

5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।

6. स्कंद पुराण के अनुसार, ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से 12 वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है।

7. ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

ग्रहण काल में क्या करें

1. ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ और जप करना चाहिए।

2. भगवान वेदव्यास जी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है।

3. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।

4. ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके उचित व्यक्ति को दान करने का विधान है।

5. ग्रहण के बाद पुराना पानी और अन्न नष्ट कर देना चाहिए। नया भोजन पकाया जाता है और ताजा पानी भरकर पीया जाता है।

6. सूर्य या चन्द्र ग्रहण पूरा होने पर उसका शुद्ध बिम्ब देखकर ही भोजन करना चाहिए।

7. ग्रहण काल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए उसे बाद में धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।

8. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

इस चंद्रग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है। राजनीति से जुड़े वे लोग जिनकी राशि मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर है, उन्हें विशेष लाभ होने के आसार हैं। चूंकि यह चंद्रग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढा नक्षत्र में पड़ रहा है तो इसके प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति भी बन सकती है।

ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति

इस चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में स्थित रहेंगे। ग्रहों की ऐसी स्थिति होने के कारण ग्रहण का प्रभाव और भी अधिक नजर आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि राहु और शुक्र सूर्य के साथ रहेंगे। साथ ही चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में सूर्य रहेगा। इस स्थिति में मंगल नीच का हो जाएगा। ग्रहण के समय ग्रहों की ये स्थिति तनाव बढ़ाने वाला साबित होगा। ऐसे में प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका रहेगी।

किस राशि पर क्या होगा असर

-मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चन्द्रग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा।

-मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा।

-वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चन्द्रग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा।

गर्भवती महिलाओं को ध्यान देने वाली बातें

1. गर्भवती महिला को सूर्य या चन्द्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु प्रभावित हो सकता है।

2. गर्भवती महिला को कैंची, चाकू आदि से कोई भी चीज काटने की मनाही होती है। वस्त्र आदि सिलने से भी मना किया जाता है।

3 गर्भवती को ग्रहण में घर के अंदर ही रहना चाहिए। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए घर में मंत्रोच्चारण करना ठीक रहता है।

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