बीमारियों के मामले में महिलायें पुरुषों से थोड़ी अलग हैं. महिलाओं के स्वास्थ्य का मामला चन्द्रमा और मंगल पर मुख्य रूप से निर्भर करता है. बात अगर अन्य ग्रह की करें तो भी उनका असर इन्ही ग्रहों के माध्यम से होकर शरीर पर पड़ता है. महिलाओं की बीमारियां बहुत ज्यादा भावनाओं पर भी निर्भर करती हैं. इसलिए बीमारी के साथ साथ हमेशा उनकी मनःस्थिति को भी देखना जरूरी होता है.
आइए ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जानते हैं महिलाओं में सेहत से जुड़ी दिक्कतों के लिए कौन सा ग्रह होता है जिम्मेदार और क्या हैं बचाव के उपाय.
अगर महिलाओं को गाईनोकोलोजिकल समस्या हो-
– यह समस्या चन्द्रमा की गति और मंगल की स्थिति पर निर्भर करती है.
– इस समस्या के होने पर ठंढी चीजों को खाने से बचें.
– महीने की दोनों एकादशियों का व्रत रखें.
– तांबे के पात्र से जल पीने का प्रयास करें.
– सलाह लेकर एक मूंगा धारण करें.
अगर महिलाओं को हड्डियों की समस्या हो-
– नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें.
– सूर्य के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करें.
– दूध वाली चीजों का प्रयोग ज्यादा करें.
– सलाह लेकर एक मोती या माणिक्य धारण करें.
– गुलाबी रंग के वस्त्रों का प्रयोग ज्यादा करें.
अगर महिलाओं को कोई मानसिक या भावनात्मक समस्या हो-
– महीने की पूर्णिमा को उपवास रखें.
– भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग बढ़ा दें.
– प्रातः और सायं “नमः शिवाय” का जप करें.
– घर के उसी कमरे में सोएं जहां सूर्य का प्रकाश आता हो.
– मोती या ओपल धारण न करें.
– सलाह लेकर एक देसी मूंगा धारण करें.