नवग्रह की लकड़ियों का प्रयोग

मदार की लकड़ी-
madar

सूर्य ग्रह की शान्ति हेतू मदार की समिधा का प्रयोग किया जाता है। मदार की लकड़ी में मदार का कोमल पत्र व गो घृत(गाय का देशी घी) मिलाकर हवन करने से विजयप्राप्ति होती है। मदार की समिधा से हवन करने से रोग का नाश होता है।

पलाश-
Plash ki Lakadi

पलाश की समिधा से हवन करने से सर्वकार्य सिद्ध होते है। पलाश के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु व महेश का निवास माना जाता है। पलाश के सूखे हुए फूल देवी देवताओं को कार्तिक माह में चढ़ाने से ग्रह बाधा दूर हो जाती है। पलाश सोम ग्रह के लिए उपयोग में लाते हैं।

खैर-
Khair ki Lakadi

जातको को चाहिए की मंगल ग्रह के प्रसन्नता हेतू मंगलवार को खैर के पेड़ की जड़ लेकर आएं और उसकी पूजा करके धन स्थान पर रख दें। जिससे उनके धन में वृधि होगी। वहीं इसकी प्रसन्नता हेतु खैर की समिधा से भी हवन करना चाहिए। अपने घर के पास में खैर का पेड़ लगाने से अच्छा परिणाम मिलता है।

अपामार्ग-
Apamarg ki Lakadi

जिन राशियों का स्वामी बुद्ध है उन जातको को अपामार्ग की पूजा करनी चाहिए और घर मे पैसों के स्थान पर साथ में इसकी लकड़ी भी रखना चाहिए। अपामार्ग की समिधा से हवन करने से इष्ट देवता प्रसन्न होते है साथ ही धन लाभ भी प्राप्त होता है।

पीपल-
Pipal ki Lakadi

पीपल के पेड़ में प्रतिदिन जल देने से समस्त ग्रहों के अशुभ प्रभाव का नाश होता है। वहीं दूसरी तरफ पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसकी समिधा से हवन करने से गुरू ग्रह के अशुभ प्रभाव शुभ प्रभाव में प्रवर्तित हो जाते है।

गूलर-
Gular

गूलर की समिधा से जातक अगर हवन करता है तो परिणाम स्वरूप अन्त समय उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन पुष्य नछत्र हो तब गुलर के वृक्ष की जड़ प्राप्त कर के घर लाये इसे धूप दीप के साथ पूजा करके धन स्थान पर रख दे इससे स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। यदि इस गुलर की जड़ को धारण करना चाहे तो स्वर्ण ताबीज में भर कर धारण कर ले जब तक यह ताबीज आपके पास रहेगी तब तक कोई कमी नही आयेगी। घर में संतान सुखउत्तम रहेगा। यश की प्राप्ति होती रहेगी। धन संपदा भरपूर होंगे। सुख शांति और संतुष्टि की प्राप्ति होगी। शुक्र ग्रह के जातक इसका उपयोग करें तो उन्हें लाभ होगा।

शमी का पेड़-
Shami ka Ped

 न्याय के देवता शनि को खुश करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक है शमी के पेड़ की पूजा। शनिदेव की टेढ़ी नजर से रक्षा करने के लिए शमी के पौधे को घर में लगाकर उसकी पूजा करनी चाहिए। शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है। सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है। शमी का पंचांग शक्तियों के नाश के लिए होता है, यानी फूल, पत्ते, जड़े, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधीत दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है। इसकी समिधा से जातक के द्वारा हवन करने से जातक के सम्पूर्ण पापो का शमन हो जाता है।

दूब-
Durva

दूब की समिधा से जातक के द्वारा हवन करने से जातक को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। राहु ग्रह की शान्ति हेतु दूब की समिधा का प्रयोग किया जाता है। जिससे इन ग्रह के द्वारा होने वाले व्यापार, घर व स्वास्थ में हानि से छूटकारा मिल जाता है।

कुश-
Kusha

केतु ग्रह की शान्ति हेतु कुश की समिधा का प्रयोग किया जाता है। कुश की समिधा से जातक के द्वारा हवन करने से जातक को सम्पूर्ण कार्यों में सिद्धी की प्राप्ती होती है। कुश में त्रिदेव का वास होता है।

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